कविता

और कितना कर गिरेगा ये आदमी

और कितना कर गिरेगा ये आदमी
गिरावट के चरम पर खड़ा ये आदमी

दूसरों के दर्द मे बहुत मुस्कुराता है
ईर्ष्या की आग मे जल रहा ये आदमी

बाप ही बेटी की अस्मत लूट रहा
कैसे करे किसी पे भरोसा ये आदमी

बेटी को ब्याहने की चिंता सता रही
दहेज़ की बोली पर बढाता ये आदमी

एक गज जमीन की भाई को बढ़ गई
भाई को मारने की सोचता ये आदमी

माँ बाप ने जिसे लाड-प्यार से पाला
उन्हें वृधाश्रम छोड़ आता ये आदमी

धर्म जाति का झूठा चोला ओड़कर
दूसरों पे अत्याचार करता ये आदमी

ना तो अदब रहा और ना रही हया
इक दूसरे की इज्ज़त भूला ये आदमी

सबकुछ है मगर संतोष खो गया
बहुत कुछ चाहता पाना ये आदमी

माया के इतना करीब हो गया
खुद से ही दूर हो चला ये आदमी

चारों ओर इंसानियत का क़त्ल हो रहा
नर्क का अँधेरा यहीं लाया ये आदमी

अर्जुन सिंह नेगी
नारायण निवास, कटगाँव,
तहसील निचार जिला किन्नौर
हिमचल प्रदेश 172118

अर्जुन सिंह नेगी

नाम : अर्जुन सिंह नेगी पिता का नाम – श्री प्रताप सिंह नेगी जन्म तिथि : 25 मार्च 1987 शिक्षा : बी.ए., डिप्लोमा (सिविल इंजीनियरिंग), ग्रामीण विकास मे स्नातकोत्तर डिप्लोमा। पेशा : एसजेवीएन लिमिटेड (भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम) में सहायक प्रबन्धक के पद पर कार्यरत l लेखन की शुरुआत : सितम्बर, 2007 से (हिमप्रस्थ में प्रथम कविता प्रकाशित) l प्रकाशन का विवरण (समाचार पत्र व पत्रिकाएँ): दिव्य हिमाचल (समाचार पत्र), फोकस हिमाचल साप्ताहिक (मंडी,हि.प्र.), हिमाचल दस्तक (समाचार पत्र ), गिरिराज साप्ताहिक(शिमला), हिमप्रस्थ(शिमला), प्रगतिशील साहित्य (दिल्ली), एक नज़र (दिल्ली), एसजेवीएन(शिमला) की गृह राजभाषा पत्रिका “हिम शक्ति” जय विजय (दिल्ली), ककसाड, सुसंभाव्य, सृजन सरिता व स्थानीय पत्र- पत्रिकाओ मे समय- समय पर प्रकाशन, 5 साँझा काव्य संग्रह प्रकशित, वर्ष 2019 में अंतिका प्रकाशन दिल्ली से कविता संग्रह "मुझे उड़ना है" प्रकाशितl विधाएँ : कविता , लघुकथा , आलेख आदि प्रसारण : कवि सम्मेलनों में भागीदारी l स्थायी पता : गाँव व पत्रालय –नारायण निवास, कटगाँव तहसील – निचार, जिला – किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) पिन – 172118 वर्तमान पता : निगमित सतर्कता विभाग , एसजेवीएन लिमिटेड, शक्ति सदन, शनान, शिमला , जिला – शिमला (हिमाचल प्रदेश) -171006 मोबाइल – 09418033874 ई - मेल :negiarjun1987@gmail.com

2 thoughts on “और कितना कर गिरेगा ये आदमी

  • राजकुमार कांदु

    बहुत ही बढ़िया रचना ।

    • अर्जुन सिंह नेगी

      धन्यवाद सर

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