गीतिका/ग़ज़ल

मुक्तक

मुक्तक

तेरी तो दुआ लग जाती तो सब पाकर तुम्हें खो देते
बस इसी खातिर हम बद्दुआ का आँचल थामे रहे
बहुत प्यार से हमें ठुकराया उन्होंने कुछ ऐसा कह कर
कफ़न को समझा दुपट्टा, जिसका आँचल थामे रहे।

विनोद दवे

नाम = विनोदकुमारदवे परिचय = एक कविता संग्रह 'अच्छे दिनों के इंतज़ार में' सृजनलोक प्रकाशन से प्रकाशित। अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत। विनोद कुमार दवे 206 बड़ी ब्रह्मपुरी मुकाम पोस्ट=भाटून्द तहसील =बाली जिला= पाली राजस्थान 306707 मोबाइल=9166280718 ईमेल = davevinod14@gmail.com