ख़ाली कनस्तर
गंगा अपने घर के हालातों से परेशान थी । उसका पति मज़दूरी करता था। पहले कमाई अच्छी होती थी सो
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Read Moreश्री लंका और भारत की प्रगाढ़ मित्रता अत्यंत पुरानी है, जिसका एक ताज़ा अनुभवपिछले अक्टूबर कोश्री लंका के पत्रकारों के
Read Moreनोटबंदी पर अब सरकार ओैर विपक्ष के बीच तलवारें खिच गयी हैं। नोटबंदी पर अब न तो सरकार अपने कदम
Read Moreव्यर्थ में व्यर्थ का, राग आप अलापते, व्यर्थ ही आग में, आप आहूति डालते। यज्ञ या चिता नही, ये दावानल
Read Moreवो खुद को बहुत संतुष्ट और एडवांस समझती ही नहीं,भाव-भंगिमा से व्यक्त भी करती रहती थीं ! अलका दी,सबसे बेबाक
Read Moreसूखा मुरझाया फूल पुरानी किताब में मिला खुशबू न थी फूल में रंग भी बदल चुका था मेरी तरह बदले
Read Moreमैं दुखता नासुर हूँ मित्र रिसती दरारों को न और चटका अब केवल दर्द सुंकु देता है मवादों के पोरो
Read Moreबडे़ दिनो के बाद वो छत पर नजर आया था, दिल जोर से धड़का पर मैने मुंह घुमा लिया ।
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