वापसी
“कुछ भी नही बदला सात वर्ष में, यहां तक कि मेरे हाथ का लगाया बगीचा भी।” सोचते सोचते रवि ने
Read Moreहम सभी अपनी कुछ आदतों से बहुत परेशान रहते हैं अनावश्यक क्रोध,निंदा, लालच आदि.पर ऐसा भी नहीं की हम इससे
Read Moreआजकल के जमाने में, इसी पे शोध होता है। पड़ोसन की फ़िज़ा देखी, वहीं अवरोध होता है। गिनाने तब लगी
Read More“विवेक, तेरा ही ठीक है यार ! यूँ लगता है,जैसे किसी शहजादे की जिन्दगी जी रहा है तू ! इतनी
Read Moreपूजा आफिस में घुसते-घुसते गेट के बाहर ही ठिठक गई। भीतर उसी की बातें हो रही थीं। ” यार, यह
Read Moreचाय-पान की गुमटी डाले हरिया अपने बच्चे पाले बेच रहा है पान-सुपाड़ी गप्प लड़ाए बैठ अनाड़ी निकला सूरज हुए उजाले
Read Moreदादी पहन पुराना लुग्गा बेच रही है सुन्दर फुग्गा कहती आओ मेरे बच्चे नन्हें-मुन्ने दिल के सच्चे केवल पाँच रुपैया
Read Moreदेंगे हम जान इस तिरंगे पर, अपना ईमान इस तिरंगे पर। हमको अभिमान इस तिरंगे पर, देश का मान इस
Read Moreएक ख्वाहिश है बस दीवाने की,तेरी आँखों में डूब जाने की। साथ जब तुम निभा नहीं पाते ,क्या जरूरत थी
Read More