लघुकथा

दुनियादारी

” मोहित तुम्हारी मैम ने कैंटीन के लिए बीस रुपए मंगाये थे, तुमने क्या किया बेटा ?” स्मिता ने पूछा ।
” मम्मा वो दस रूपये का बर्गर खाया ।”
“ठीक बाकी बचे दस रूपये वापस दो ।”
“मम्मा वो ..वो दस रुपये आकाश को भी बर्गर शेयर किया ।”
” फिर से शेयर किया ? क्या कभी आकाश ने तुम्हें शेयर किया ?”
“मम्मा वो आकाश बोला कि अगर मैंने उसे शेयर नहीं किया तो वो मुझसे दोस्ती नहीं करेगा ।” रोते हुए मोहित बोला
” हे भगवान ! आकाश तुम्हें बेवकूफ बना तुम्हारे भोलेपन का फायदा उठाता है , तुम नौ साल के हो कुछ तो दुनियादारी की बातों को समझो बेटा ।”स्मिता परेशान होती है ।
” पर मम्मा शेयर करने की बात तो पापा भी कहते हैं और मैडम भी. … ।”

संयोगिता शर्मा

जन्म स्थान- अलीगढ (उत्तर प्रदेश) शिक्षा- राजस्थान में(हिन्दी साहित्य में एम .ए) वर्तमान में इलाहाबाद में निवास रूचि- नये और पुराने गाने सुनना, साहित्यिक कथाएं पढना और साहित्यिक शहर इलाहाबाद में रहते हुए लेखन की शुरुआत करना।