कविता

कविता : रिश्ता

मत जा छोड़ के प्यार भरे ..रिश्ते को तोड़
प्रेम इस मोड़ पर आकर ..क्यूँ हुआ खड़ा

हाथ से रेत की तरह छूठ रहा ..हमारा नाता
आइस क्रीम की तरह पिगलता ..रहा रिश्ता

हर बार समज़ाया पर कोई ..असर न हुआ
एक बच्चे जैसे ज़िद पर अडिग ..आप हुए

प्यार किसे मिलता है पूरा ..इस जहाँ में
दुनिया बहोत बड़ी खोते यह ..हर घड़ी में

कोशिश भी काफ़ी की हम ..बने क़ाबिल
पर हम नाकाम रहे न हुआ ..कुछ हासिल

अब शायद न रही गुंजाइश ..नाहीं प्यार
हम बदल गये या तुम समजे ..नही यार

हालात बदलने से शायद हर बात बदलती है

✍?..राज मालपाणी
शोरापुर – कर्नाटक

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : rajmalpani75@gmail.com मोबाइल : 8792 143 143