बाल कविता

सबसे प्यारा देश हमारा

सबसे प्यारा सबसे न्यारा देश हमारा है
करना इससे प्यार यही तो अपना सहारा है

इसकी धूल से जन्म लिया है
इसका जल ही हमने पिया है
इसके अन्न से पोषण पा जीवन को संवारा है
करना इससे प्यार यही तो अपना सहारा है

इसकी माटी सोना उगले
मधुर फलों से मधुरस निकले
सबसे पहले सूरज ने आ इसको निखारा है
करना इससे प्यार यही तो अपना सहारा है

ज्ञान में ऊंचा देश हमारा
सादे जीवन से हो गुज़ारा
सादा जीवन उच्च विचार ही हमको प्यारा है
करना इससे प्यार यही तो अपना सहारा है

धवल हिमालय धीरज इसका
गंगा-यमुना जीवन इसका
हिंद महासागर ने प्रेम से इसको पखारा है
करना इससे प्यार यही तो अपना सहारा है

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244