राजनीति

खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंचै

यह प्रसिद्ध कहावत बसपा नेत्री मायावती पर पूरी तरह सही उतरती है। पाँच राज्यों के चुनावों में बुरी तरह मात खाने के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया लगता है। वे ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीनों में गड़बड़ी का आरोप लगा रही हैं।

वैसे तो इस आरोप को स्वयं चुनाव आयोग ने मज़बूत तर्क देकर पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है, पर मैं इतना अवश्य कहूँगा कि यदि मोदी जी की सरकार वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी कराती, तो न तो भाजपा दिल्ली और बिहार विधानसभाओं के चुनाव हारती और न इन चुनावों में बसपा का मत प्रतिशत २० से बढ़कर २२ हो पाता।

वास्तव में घोर जातिवाद और विद्वेष की राजनीति करने वाली मायावती यह समझने में असफल रही हैं कि उनकी इस राजनीति की चरम सीमा केवल २२ प्रतिशत है। २००७ के विधानसभा चुनावों में उनको उ.प्र. के ब्राह्मण समाज ने खुलकर समर्थन दिया था जिसके बल पर वे पूर्ण बहुमत पाकर मुख्यमंत्री बनीं थीं। लेकिन मायावती ने अपने पूरे कार्यकाल में अपनी और कांशीराम की मूर्तियाँ और पार्क बनवाने तथा जमकर पैसा एकत्र करने के अलावा कुछ नहीं किया। इससे पूरे प्रदेश का उनसे मोहभंग हो गया।

इस बार मायावती ने मुस्लिम समाज को बहकाने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह भी बुरी तरह असफल रही क्योंकि आज कोई भी मायावती पर लेशमात्र भी विश्वास करने को तैयार नहीं है। यहाँ तक कि कांग्रेस जैसी चौथे-पाँचवें नम्बर की पार्टी ने भी बसपा से गठबंधन करने में कोई रुचि नहीं दिखाई।

मायावती को मेरी विनम्र सलाह है कि फ़िलहाल वे राजनीति भूलकर अपने ऊपर अकूत सम्पति एकत्र करने और काला धन चन्दे में लेने जैसे मामलों पर सीबीआई से बचने पर अपना ध्यान लगायें। यदि वह इन मामलों पर सज़ा से और फिर चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित होने से बच जाती हैं, तो वह फिर से अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर सकती हैं। वैसे उनका राजनैतिक जीवन अब लगभग समाप्त हो गया है।

विजय कुमार सिंघल
फाल्गुन पूर्णिमा, सं २०७३ वि (१२ मार्च २०१७)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com