कविता

पहचान

पहले पिता और फिर पति से
पहचान मांगती है बेटियाँ
बदल जाते है हकदार
बस पहचान मांगती है बेटियाँ
हर बात के लिये
मांगती इजाजत
खुद को साबित करने के लिये भी
अपनी पहचान मांगती है बेटियाँ
उम्र के साथ बस बदलते है अधिकारी
पिता पति और फिर
बेटे के अधीन रहती है
घर की बेटियाँ
हो सके तो देना
पहचान उसे खुद अपनी
बस इतना ही तो
अधिकार मांगती है
बेटियाँ ।
अल्पना हर्ष,बीकानेर

अल्पना हर्ष

जन्मतिथी 24/6/1976 शिक्षा - एम फिल इतिहास ,एम .ए इतिहास ,समाजशास्त्र , बी. एड पिता श्री अशोक व्यास माता हेमलता व्यास पति डा. मनोज हर्ष प्रकाशित कृतियाँ - दीपशिखा, शब्द गंगा, अनकहे जज्बात (साझा काव्यसंंग्रह ) समाचारपत्रों मे लघुकथायें व कविताएँ प्रकाशित (लोकजंग, जनसेवा मेल, शिखर विजय, दैनिक सीमा किरण, नवप्रदेश , हमारा मैट्रौ इत्यादि में ) मोबाईल न. 9982109138 e.mail id - alpanaharsh0@gmail.com बीकानेर, राजस्थान