गीतिका/ग़ज़ल

रोता और रुलाता क्यूँ है

रोता और रुलाता क्यूँ है
आँसू रोज बहाता क्यूँ है

इतना दर्द दबाकर दिल में
महफिल में मुस्काता क्यूँ है

तुझ पर बंद करे जो दर को
उसके दर पर जाता क्यूँ है

तुझको छोड गया जो तन्हा
उसको यार बताता क्यूँ है

सब कुछ लूट लिया अपनो ने
अपनों से फिर नाता क्यूँ है

तुझको भूल गये जो तेरे
उनकी बात सुनाता क्यूँ है

बहरे हैं सब दुनिया वाले
फिर आवाज लगाता क्यूँ है

कडवी है सच्चाई फिर तू
सच की कविता गाता क्यूँ है

कुंभकरण से सोये हैं सब
तू बेकार जगाता क्यूँ है

सतीश बंसल
०१.०४.२०१७

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.