लघुकथा

“धीमी गति का समाचार”

आज कल दूरदर्शन पर जितने मनोरंजन के चैनल हैं उससे कहीं अधिक समाचार के चैनल उपलब्ध हैं। हों भी क्यों नहीं, यही एक ऐसा पुख्ता माध्यम है जिससे आम से लेकर ख़ास तरह के लोग अपने अपने मर्जी के अनुसार खबर को ग्राह्य करते हुए देश दुनियां से जुड़े रहते हैं। मजे की बात तो यह है कि जितना मजा समाचारों में मिलता है उतना मनोरंजन के साधनों और आमोदी किरदारों से शायद नहीं मिलता, अब इसका कारण मत पूछिये जनाब……, लोगों का सत्य से पुराना लगाव है अतः सत्य की खोज में चैनल पर चैनल बदलने को सभी मजबूर हैं। कारण, अधिकतर मनोरंजन चैनल दिवास्वपन जैसा लगता है जिसमें कहानी और पात्र, एक दूसरे से बहुत दूर होकर बैठते हैं तो समाचार जागृतस्वप्न जैसा होता है। अब स्वप्नों की हकीकत तो यही है न कि सत्य उससे बहुत दूर होता है, अगर थोड़ी बहुत सत्यता होती भी है तो वह स्वपन के आकार- प्रकार, समय- संयोग और देखने वाले की मंशा पर आधारित होती है। जिसमें कुछ मुख्य समाचार वर्षों से एक ही गति से चल रहे हैं मानों ये सब धीमी गति के समाचार है जो अपनी ही गति पर चलने की कसम लिए हुए चल रहे हैं। आप अपने अपने घर काम को करते रहिए और आराम से इनको सुनते रहिए…..मसलन….. आतंक के कुछ चिटफुट वारदात हुए, कुछ आतंकी ढ़ेर हो गए तो कुछ वीर जवान शहीद हुए, इस कायराना हरकत की हम कड़ी निंदा करते है और कड़े कदम उठाएंगे…….कुछ लूटपाट की घटनाएं घटी हैं जिनकी तब्दीस जारी है……कुछ आगजनी हो गई, करोड़ों का माल जलकर ख़ाक हो गया, आग नियामक दस्ता मौके पर गया और काबू पाया गया…….नाबालिक बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ उसकी हालात नाजुक बनी हुई है अपराधी फरार हैं प्रशासन अपना काम कर रहा है…….कहीं ए टी एम से नकली नोट निकले हैं तो कहीं उसे लूट ही लिया गया है और कहीं कहीं तो वह बंद ही पड़ा है या उसमें पैसा ही नहीं है इससे वह सुरक्षित कोटे जैसा हो गया है और पैसे भरने के लिए इंतजारी में बेक़रार है……कुछ गाड़ियाँ अचानक सड़क पर धू धू कर जल उठी, लोग अपनी किस्मत से बाहर निकले और जान बची तो लाखो पाए……. बारात में हर्ष फायरिंग हुई, दूल्हे को गोली लगी, दुल्हन गंभीर है……दहेज़ के लालची ने केरोसिन छिड़का, वहु अस्पताल में है और संबंधित रिश्ते हवालात में…….तेज रफ़्तार का कहर जारी है कइयों ने अपनी अंतिम यात्रा पूरी की……बेरोजगारी, बीमारी और भुखमरी के अपने हाल हवाल हैं, यह लाइलाज विषय है इसको छूना, मानवता के लिये शायद उचित नहीं है…..! शिक्षा की अपनी हाइवे है वह बिना रोक टोक अपनी दौड़ लगा ही रही है और शिक्षित बेरोजगार बढ़ा रही है, फ़ीस का मुद्दा भी कोई मुद्दा है बिना मतलब किसी पर लांक्षन कहाँ तक सही है?????….!!!!!…… ब्रेकिंग न्यूज……घोटाले के सिलसिले में कुछ नए घोटाले सामने आये हैं जिससे पुराने को कुछ राहत मिली है, दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं, कानून अपना काम करेगा……विदेश की धरती से, कही धूँआ तो कहीं पानी ने नींद हराम कर रखा है, अहम् ने सभी को हथियार धारी बना दिया है जिसे किसपर चलाया जाय, सामूहिक बिचार मंथन जारी है…….मौसम का हाल यह है कि आग और पानी दोनों आँख मिचौली खेल रहे हैं, किसी का कोई भरोषा नहीं, कौन कब कहाँ गिरेगा और कौन कहाँ लगेगा, धीरज रखना ही जीवन है……!

अब दोपहर होने वाली है सास वहु ननद जेठानी सब के सब सजधज कर अभी आएगी और आप का दिन सुधर जायेगा। हाँ शाम को सावधानी जरुरी है, लाइफ ओ.के. है तो सब ठीक है, सावधान सर को जरूर देखिए और सावधान रहिए। बेरहमपुर में घूमने जरूर जाइए वहाँ का गुलाम अब मालिक से जबाब सवाल कर रहा है जिसे देखकर शायद कुछ मुक्ति मिल जाय, दांस्ता से…….अब कल का इंतजार करें इन्ही समाचारों व रफ़्तार के साथ हम फिर हाजिर होंगे, तबतक के लिए शुभ रात और शुभ दिन……

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

 

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ