गीतिका/ग़ज़ल

*गीतिका*

तेरे तसब्बुर मे मेरा अक्स बनाये रखना!
उम्मीदो के दिये दिल मे जलाये रखना !!

जां मेरी कोई छाया हम पर पड़े न भारी!
मुझे धड़कनो मे अपनी बसाये रखना !!

मौत आने तक यूं ही चलती रहे जिन्दगी!
चरागो मे रौशनी अपनी बनाये रखना !!

बहुत मुश्किलो से काटा है ये छोटा सा सफर !
आगे महफूज इसे तुम्हे है बनाये रखना!!

अभी टूटने की इजाजत नही है मुझको !
विश्वास खुद पे बेइम्तहां बनाये रखना !!

राह मे हमे और भी मिलेंगे सताने वाले !
उन रूहो से मोहब्बत हमारी बचाये रखना !!

बहुत निश्छल निष्कपट हूं दिलदार मेरे !
बद्दुआ न लगे नजरो से छुपाये रखना !!
—प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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