गीतिका/ग़ज़ल

इतिहास का फिर उनको पता क्या है !

हमारे दरम्यां अब कुछ बचा क्या है।
इस ज़िन्दगी में अब मज़ा क्या है।

हर ओर मुफलिसी का अब दौर है;
आम आदमी की भी खता क्या है।

कश्मीर को हमसे छीन लेंगे वो लोग;
इतिहास का फिर उनको पता क्या है।

सरज़मीं की आन होती है सर्वोपरि;
छोड़ो अब कि गद्दारों ने कहा क्या है।

धर्म और जाति आती हैं बाद में;
मातृभूमि का फर्ज भी पता क्या है।

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |