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“म्हारी सँस्कृति म्हारा स्वाभिमान” संगठन ने की संस्कृति बचाने की पहल

सोनीपत| सूर्यकवि लखमीचन्द जी की पावन जन्मभूमि गांव जांटी कलां में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन के माध्यम से संगठन “म्हारी सँस्कृति म्हारा स्वाभिमान” ने सँस्कृति बचाने की पहल की। इस कार्यक्रम में मशहूर बॉलीवुड अभिनेता यशपाल शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक एवं हरियाणा ग्रँथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बतौर अति विशिष्ट अतिथि इस कार्यक्रम में शिरकत की। इसके अलावा हरियाणवी सिनेमा को जीवित रखने को प्रयासरत रोशन वर्मा भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
    यह संगठन 18 जून 2017 को अस्तित्व में आया। इस संगठन की कार्यकारिणी के सभी सदस्य संस्कृति प्रेमी हैं। सभी सदस्य एक दूसरे से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हुए थे और संस्कृति को बचाने के लिए 18 जून को इन्होंने इस संगठन को विधिवत रूप से धरातल पर उतारा। इस संगठन ने पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम को जांटी कलां में आयोजित करने लिए चुना। संगठन का मानना सूर्यकवि लखमीचन्द जी जो बातें अपनी कविताओं, सांगों के माध्यम से कह गए हैं यदि उन बातों को मनुष्य जीवन मे उतार लें तो यह संसार स्वर्ग के समान हो जाएगा।
इस कार्यक्रम में लोकगायक रणबीर सिंह बड़वासनी, विकास पाहसौर, सुमित सातरोड़, रमेश भनभौरी, राजेश खन्ना पेटवाड़, भास्कर कौशिक बोहर, अमित मलिक, सोमबीर कथूरवाल, सुखबीर बहलम्बा, राहुल मोखरा, अमित समचाणा, सुनील हरिपुर, गीता सिंह जैसे उच्च चोटी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने गांव जांटी कलां में सूर्यकवि लखमीचन्द के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि आज तक सूर्यकवि लखमीचन्द जैसे कवि ना तो पैदा हुए हैं और ना ही कभी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि सूर्यकवि लखमीचन्द साक्षात भगवान का ही अवतार थे। इसके साथ उन्होंने संगठन “म्हारी सँस्कृति म्हारा स्वाभिमान” के लिए पांच लाख रुपये की राशि दान देने की घोषणा की।
इस कार्यक्रम में संगठन के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे और उनके अथक प्रयासों के फलस्वरूप यह कार्यक्रम सफल रहा। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही वो अगला सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगे। उन्होंने कहा कि संगठन का मुख्य उद्देश्य समाज को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक बनाना है और आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति से अवगत करवाना है।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने के लिए उन्होंने सूर्यकवि लखमीचन्द के पौत्र विष्णु दत्त शर्मा, जांटी कलां गांव के बुजुर्गों, ग्राम पंचायत और सूर्यकवि लखमीचन्द समिति का आभार व्यक्त किया।