गीतिका/ग़ज़ल

ख़िदमत में अपनी माँ की गुज़ारा करेंगे हम

ख़िदमत में अपनी माँ की गुज़ारा करेंगे हम
ऐसे बुलंद अपना सितारा करेंगे हम

आँसू बहा के अब न खसारा करेंगे हम
मिश्री सी ज़िंदगी को न खारा करेंगे हम

बनकर शज़र मिलोगे हमें जब कभी भी तुम
ख़्वाहिश के परिंदों को उतारा करेंगे हम

अब तो सुलह का रास्ता निकले कोई यहाँ
कब तक वफ़ाओं से यूँ किनारा करेंगे हम

जब जब तुम्हारे दिल को सतायेगा ग़म कोई
तब तब तुम्हारे दिल को सहारा करेंगे हम

सच बोलना गुनाह समझते हैं सब अगर
ऐसा गुनाह फिर तो दुबारा करेंगे हम

माही
08 अगस्त, 2017

महेश कुमार कुलदीप

स्नातकोत्तर शिक्षक-हिन्दी केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-3, ओ.एन.जी.सी., सूरत (गुजरात)-394518 निवासी-- अमरसर, जिला-जयपुर, राजस्थान-303601 फोन नंबर-8511037804