गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

मुहब्बत में इन्सां को रब कह गये वो !
खुदा की क़सम क्या ग़ज़ब कह गये वो !!

थे शहर ए चमन के कुछ दस्तूर ऐसे !
चमन से बदन बर अदब रह गये वो !!

बुझी ना हो दिल की लगी दिल बुझाये !
है मुमकिन सुलगते ही सब रह गये वो !!

ज़रा दूर थी कुछ किनारों से कश्ती !
निकट कुछ किनारों से तब बह गये वो !!

मुहब्बत में इन्सां को रब कह गये वो !
खुदा की क़सम क्या ग़ज़ब कह गये वो !!

— मनवीर शर्मा (राज भोपाली)

मनवीर शर्मा (राज भोपाली)

मूल निवास मेरठ उत्तर प्रदेश है ! BTech in mech engineering . लेखन मेरा passion है अपने आप को अभिव्यक्त करने एकमात्र और सबसे सटीक तरीक़ा माँ सरस्वती का आशीर्वाद है ! सम्पर्क सूत्र 8630174796