लघुकथा

बर्थडे गिफ्ट

दस वर्षीय गोलू ढेर सारे सामानों से भरा एक थैला लिए हुए रिंकू को आते देखकर रुक गया । रिंकू उसका प्रिय मित्र था और आज उसका जन्मदिन भी था । गोलू ने आगे बढ़ कर रिंकू को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा ” हैप्पी बर्थडे रिंकू ! आज तेरा जन्मदिन है और तु यह इतना सारा सामान लेकर कहाँ जा रहा है ? क्या है इन थैलों में ? ”
तब तक पंद्रह वर्षीय टिंकू जो रिंकू का बड़ा भाई था आ गया । वह रिंकू से कुछ पीछे चल रहा था । उसके हाथों में भी समान से भरा हुआ थैला था ।
रिंकू गोलू से बोला ” हाँ ! आज मेरा जन्मदिवस है । लेकिन मैंने अपना जन्मदिन एक नए तरीके से मनाने का फैसला किया है । ”
गोलू आश्चर्य से बोला ” नए तरीके से ! कैसे ? ”
रिंकू बोला ” आम तौर पर जन्मदिन में क्या करते हैं ? अपने मित्रों को बुलाते हैं । केक काटते हैं और छोटी मोटी पार्टी करते हैं , एन्जॉय करते हैं बस ! हो गया जन्मदिन । लेकिन इसमें खास क्या है ? केक तो हम कभी भी खाते हैं । अच्छे नए कपड़े कभी भी पहन लेते हैं । पार्टी वगैरह तो अक्सर किसी न किसी बहाने से चलती रहती है । लेकिन मैं आज अपने जन्मदिन पर इनमें से कुछ भी नहीं करूंगा । मैं अपने जन्मदिन पर होनेवाली फिजूलखर्ची को बचाकर उस पैसे से ये कुछ खिलौने , कपड़े व चॉकलेट वगैरह ले आया हूँ और पास के अनाथ आश्रम में देने जा रहा हूँ । इन चीजों को पाकर उन बेसहारा बच्चों के चेहरे पर खिली हुई मुस्कान ही मेरा सबसे बड़ा ‘ बर्थडे गिफ्ट ‘ होगा ।”

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।

2 thoughts on “बर्थडे गिफ्ट

  • लीला तिवानी

    प्रिय राजकुमार भाई जी, बेसहारा बच्चों के चेहरे पर खिली हुई मुस्कान ही रिंकू के लिए सबसे बड़ा ‘ बर्थडे गिफ्ट ‘है. इतनी खूबसूरत सकारात्मक सोच वाले रिंकू के साथ-साथ आपको भी सलाम के साथ अत्यंत सटीक व सार्थक रचना के लिए आपका हार्दिक आभार.

    • राजकुमार कांदु

      आदरणीय बहनजी ! बेहद उत्साहित करने वाले सुंदर ,सार्थक व सटीक प्रतिक्रिया के लिए आपका हृदय से धन्यवाद ।

Comments are closed.