गीत/नवगीत

गीत – बॉलीवुड में भांड भरे हैं

बॉलीवुड में भांड भरे है,,
नीयत सबकी काली है..
इतिहासों को बदल रहे,, संजय लीला भंसाली है..
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चालीस युद्ध जितने वाले को ना वीर बताया था..संजय तुमने बाजीराव को बस आशिक़ दर्शाया था..
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सहनशीलता की संजय हर बात पुरानी छोड़ चुके..
क्षात्र धर्म की खातिर हम कितनी मस्तानी छोड़ चुके..
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अपराध जघन्य है तेरा,, दोषी बॉलीवुड सारा है..
इसलिए राजपूतो ने सेट पर जाकर मारा है..
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संजय तुमको मर्द मानता,,
जो अजमेर भी जाते तुम..
दरगाह वाले हाजी का भी नरसंहार दिखाते तुम..
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सच्चा कलमकार हूँ संजय,, दर्पण तुम्हे दिखाता हूँ..
जौहर पदमा रानी का, तुमको आज बताता हूँ..
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सुन्दर रूप देख रानी का बैर लिया था खिलजी ने..
चित्तौड़ दुर्ग का कोना कोना घेर लिया था खिलजी ने..
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माँस नोचते गिद्धों से, लड़ते वो शाकाहारी थे..
मुट्ठी भर थे राजपूत, लेकिन मुगलो पर भारी थे..
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राजपूतों की देख वीरता,, खिलजी उसदिन काँप गया..
लड़कर जीत नहीं सकता वो, ये सच्चाई भांप गया..
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राजा रतन सिंह से बोला,, राजा इतना काम करो..
हिंसा में नुकसान सभी का अभी युद्ध विराम करो..
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पैगाम हमारा जाकर रानी पद्मावती को बतला दो..
चेहरा विश्व सुंदरी का बस दर्पण में ही दिखला दो..
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राजा ने रानी से बोला रानी मान गयी थी जी..
चित्तौड़ नहीं ढहने दूंगी ये रानी ठान गयी थी जी..
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अगले दिन चित्तौड़ में खिलजी सेनापति के संग आया..
समकक्ष रूप चंद्रमा सा पद्मावती ने दिखलाया..
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रूप देखकर रानी का खिलजी घायल सा लगता था…
दुष्ट दरिंदा पापी वो पागल पागल सा लगता था…
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रतन सिंह थे भोले राजा उस खिलजी से छले गए..
कैद किया खिलजी ने उनको जेलखाने में चले गए..
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खिलजी ने सन्देश दिया चित्तौड़ की शान बक्श दूंगा..
मेरी रानी बन जाओ,, राजा की जान बक्श दूंगा..
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रानी ने सन्देश लिखा,, मैं तन मन अर्पण करती हूँ..
संग में नौ सौ दासी है और स्वयं समर्पण करती हूँ..
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सभी पालकी में रानी ने बस सेना ही बिठाई थी..
सारी पालकी उस दुर्गा ने खिलजी को भिजवाई थी..
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सेना भेजकर रानी ने जय क्षात्र बोल दिया..
अग्नि कुंड तैयार किया था और साका भी खोल दिया..
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मिली सुचना सारे सैनिक,, मौत के घाट उतार दिए..
और दुष्ट खिलजी ने राजा रतन सिंह भी मार दिए..
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मानो अग्नि कुंड की अग्नि उस दिन पानी पानी थी..
सोलह हजार नारियो के संग जलती पदमा रानी थी..
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सच्चाई को दिखलाओ,, हम सभी सत्य स्वीकारेंगे..
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स्वाभिमान व बलिदान को बदनाम किया तो रण में उतरने वाले हैं..!!
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🙏आप सभी हिंदुओ से अनुरोध है कि ठाकुरो/राजपुतो के गौरव की रक्षा के लिए यह कविता हर एक हिन्दू के पास पहुंचा दो..!!🙏

— गौरव चौहान

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