कविता

जन्मदिवस की पावन बेला

प्यारी सखी कुलवंत जी के जन्मदिन पर विशेष

 

जन्मदिवस की पावन बेला, खुशियां लेकर आई है,
शुभकामनाएं साथ में लेकर, आज पवन हर्षाई है.

 

सूरज की स्वर्णिम किरणों ने, बरसाया है सोना,
बड़े दिन की खुशियों से, हर्षित जग का हर कोना.

 

सैंटा ने खुश हो खोली है, उपहारों की पिटारी,
जो चाहे सो ले लो बेटी, हर मुस्कान तुम्हारी.

 

फूलों की खुशबू ने भी है, अग जग को महकाया,
कोयल ने है कूक-कूककर, मधुरिम गीत सुनाया.

 

नई उम्मीदें साथ में लेकर, नई सुबह है आई,
देने को कुछ खास संदेशे, अपने साथ है लाई.

 

हरदम खुश रहना मेरी प्यारी, मुस्काती ही रहना,
शुकरानों के नग़्मे गाना, स्नेहिल वचन ही कहना.

 

आए ग़र मुश्किल जीवन में, तनिक नहीं घबराना,
सुख-दुःख दोनों आते-जाते, यही समझ मुस्काना.

 

मुस्काने से हल मिल जाए, मुश्किल भी घबराए,
मन की ताकत के आगे फिर, तनिक न टिकने पाए.

 

अपनी प्यारी आंखों में, आंसू मत आने देना,
आ भी जाएं समझ के मोती, छिपा पलक में लेना.

 

धीरज के धन से प्रभु दामन, भरा रखेगा हरदम,
अंग संग साथ रहेंगे भगवन, बनकर आपके हमदम.

 

खुशियों की बेला में हमको, भूल न जाना प्यारी,
जब काटोगी केक दुआएं, पास रहेंगी हमारी.

 

जन्मदिवस इस तरह हज़ारों, खुश होकर के मनाना,
कभी प्रभु दे अवसर हमसे, मिलने अवश्य ही आना.

 

सजती रहे खुशियों की महफ़िल, हर ख़ुशी सुहानी रहे,
आप ज़िंदगी में इतने खुश रहें, कि हर ख़ुशी आपकी दीवानी रहे.

 

फूल खिलते रहें जिंदगी की राह में, हंसी चमकती रहे आपकी निगाह में,
कदम-कदम पर मिले ख़ुशी की बहार, दिल हो हरदम प्रभु की पनाह में.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “जन्मदिवस की पावन बेला

  • राजकुमार कांदु

    आदरणीय बहनजी ! आदरणीय कुलवंत जी को उनके जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । हमेशा की तरह आपने उनके जन्मदिवस पर सुंदर सुविचारयुक्त अतुलनीय शुभकामनाएं प्रेषित की हैं जो निश्चित ही उन्हें और आदरणीय भाईसाहब को बहुत पसंद आएगा । आपके इस अतुलनीय प्रयास के साथ ही आदरणीय कुलवंत जी को मेरी भी एक बार पुनः हार्दिक धन्यवाद !

    • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

      बहुत बहुत धन्यवाद ,राजकुमार भाई .

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , बहुत ही सुन्दर कविता लिखी है और यह बहुमूल्य तोहफा है . बहुत बहुत धन्यवाद . आज रेडिओ पे कुलवंत को एक वजे से वधाइओन की झाड़ी लगी हुई है .तीन वजने वाले हैं और अभी भी जो भी रेडिओ पे आता है ,कुलवंत को वधाई देता है .आज तो उस का ही दिन है .चलो इस बहाने खुशीआं नसीब हो रही हैं .

  • लीला तिवानी

    एक और नई उम्मीदों भरी सुबह आई है,
    सूरज के उजास को भी साथ लाई है,
    हमारी दोस्ती का ये असर भी तो देखो,
    हवाएं भी आपको ‘जन्मदिन मुबारक’ कहने आई हैं.

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