कविता

पेड़ लगाओ

धरती का श्रृंगार हैं
श्रष्टि का आधार हैं

पेड़ लगाओ
धरती बचाओ

पेड़ों से सांसें चलती
पेड़ों से बारिशें होती
पेड़ मिटाते प्रदूषण
पेड़ प्रकृति के आभूषण

पेड़ लगाओ
धरती बचाओ

पेड़ रोकते तेज हवाएं
देते मंद-मंद शीतल हवाएं
प्रहरी बन नदियों की कटान रोकते
आसमान से नीर सोखते

पेड़ लगाओ
धरती बचाओ

फल-फूल हमें देकर
हम पर करते बड़ा उपकार
धरती का श्रृंगार हैं
श्रष्टि का आधार हैं

पेड़ लगाओ
धरती बचाओ

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111