गर आतिशे हिज़र में ये खुदी जली न होती
गर आतिशे हिज़र में ये खुदी जली न होती । तो ज़िन्दगी में ऐसी कभी रौशनी न होती । मै
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Read Moreलू अंधड़ धूल के गुबार। ये गरमी की है पहचान।। टपकता है खूब पसीना। बार बार ही पानी पीना।। ठंडी
Read Moreगजल : कुमार अरविन्द चले आओ मेरी आंखों का पानी देखते जाओ | कहानी है तुम्हारी ही , निशानी देखते
Read Moreकहा जाता है की इंसान की सोच और पैर की मोच कब धोखा दे दे , कुछ कहा नही जा
Read Moreतुम मुझे कलम कहते हो तो कहो, मुझे तो खुद को कलम कहलाने में बेहद हिचक हो रही है. असल
Read More24 अप्रैल 2017 को जब “नक्सली हमले में देश के 25 जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे” यह
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