गीतिका/ग़ज़ल

दुश्मनों तक भी मुहब्बत भेजनी तो चाहिये

दुश्मनों तक भी मुहब्बत भेजनी तो चाहिये
अब जहां से दूर नफ़रत भेजनी तो चाहिये

जो हमें अजदाद ने सौंपी अमानत अब हमें
पीढ़ियों तक वो अमानत भेजनी तो चाहिये

सुन रहे हैं मौन अधरों की शिकायत हम अगर
कुर्सियों तक वो शिकायत भेजनी तो चाहिये

नफ़रतें फैला रहे हैं जो धरम के नाम पर
एक स्वर में उनको लानत भेजनी तो चाहिये

सूरते हालात से जो दौर के वाकिफ़ नही
अब हमें उन तक हक़ीक़त भेजनी तो चाहिये

है कबीलाई जहाँ कानून अब तक देश में
उस जगह न्यायिक अदालत भेजनी तो चाहिये

है तमन्ना हर कली की ले नजाकत आपसे
आपको उनको नजाकत भेजनी तो चाहिये

सतीश बंसल
२८.०७.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.