लघुकथा

और बड़ा हादसा टल गया

किसी की सजगता और कर्त्तव्यपरायणता से एक बड़ा हादसा टल सकता है, यह सिद्ध कर दिया कृष्णा की कर्त्तव्यपरायणता ने. चलने में असमर्थ 53 साल के कृष्णा पुजारी ने एक टांग पर 3 किलोमीटर की दौड़ लगाकर एक बड़े ट्रेन हादसे को होने से रोक लिया.
पिछले दिनों एक बीमारी के कारण कृष्णा पुजारी का दायां पैर कमजोर हो गया है और वह ठीक से चल नहीं पाते. शनिवार सुबह जब वह वॉक पर निकले तो उन्होंने देखा कि रेलवे की एक पटरी क्रैक है. वह खड़े सोच ही रहे थे कि क्या करें तभी एक ट्रेन तेज रफ्तार से वहां से गुजरी और पटरी और टूट गई. इसके बाद बिना देरी किए एक टांग पर कृष्णा ने दौड़ लगा दी. एक टांग से करीब 3 किलोमीटर की दौड़ लगाकर पुजारी ने रेलवे अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. इसके कारण बड़ा हादसा टल गया.

 

कृष्णा पुजारी एक फूड स्टॉल पर काम करके अपने परिवार का पेट पालते हैं. उनका दायां पैर कमजोर हो गया था जिसके कारण उन्हें चलने में दिक्कत होती है. उनके पास इलाज कराने के रुपये नहीं थे इसलिए डॉक्टरों ने पैरों की मजबूती के लिए उन्हें रोज टहलने की सलाह दी.

 

कृष्णा रोज की ही तरह छड़ी लेकर शनिवार को टहलने निकले थे. अचानक वह हैरानी में पड़ गए, जब उन्होंने देखा कि ब्रह्माथाना नागबाना के पास रेलवे की पटरी क्रैक है. कृष्णा ने बिना एक पल की देरी किए एक टांग पर दौड़ लगानी शुरू कर दी और तीन किलोमीटर दूर बने रेलवे के दफ्तर पहुंचे. यहां उन्होंने अधिकारियों को रेलवे ट्रैक टूटे होने की सूचना दी. कृष्णा की सूचना पर रेलवे अधिकारियों ने तत्काल अलर्ट जारी किया.
कृष्णा की सजगता और कर्त्तव्यपरायणता से बड़ा रेल हादसा टल गया.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “और बड़ा हादसा टल गया

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    कृष्णा पुजारी को बिग सैलिऊट . न जाने कितनी जाने उन्होंने बचा लीं .

  • लीला तिवानी

    कृष्णा की सजगता और कर्त्तव्यपरायणता के चलते दो ट्रेनों को तत्काल रोका गया. अधिकारियों ने बताया कि एक ट्रेन को टूटी पटरी से सात किलोमीटर पहले और दूसरी ट्रेन को 16 किलोमीटर पहले रोका गया। रेलवे के इंजिनियर्स मौके पर पहुंचे और पटरी की मरम्मत का काम शुरू किया गया. लगभग चालीस मिनट के बाद ट्रेनों को वहां से रवाना किया गया.

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