गीतिका/ग़ज़ल

तुम मेरे हो

तुम मेरे हाथ में तो हो
पर मेरे लकीरों में नहीं

तुम मेरे जिंदगी में तो हो
पर मेरे किस्मत में नहीं

तुम मेरे ख़्वाबों में तो हो
पर मेरे साथ में नहीं

तुम मेरे जज्बातों में तो हो
पर मेरे हकीकत में नहीं

तुम मेरे दिल में तो हो
पर मेरे दिमाग में नहीं

तुम मेरे आस पास तो हो
पर मेरे करीब नहीं

तुम मेरे सांसो में तो हो
पर मेरी धड़कन में नहीं

तुम मेरे दिन में तो हो
पर मेरी रातों में नहीं

तुम मेरे श्पर्श में तो हो
मेरे आलिंगन में नहीं

पर तुम हो तो मेरे जज्बात है
मेरे पास अहसास है

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site