मानव की यात्रा
रहकर गुफाओं में आग जला पत्थरों से शिकार कर पशुओं का करता मांस भक्षण ढक लेता तन-बदन को वृक्षों की
Read Moreरहकर गुफाओं में आग जला पत्थरों से शिकार कर पशुओं का करता मांस भक्षण ढक लेता तन-बदन को वृक्षों की
Read Moreबाहर निकलो घर से मतदान करते चलो अपने दम पर नये कर्मठ सरकार बनाते चलो। खूबसूरत लोकतंत्र का तुम ही
Read Moreदान होता महादान, करो वस्तु तुम दान, धन दान, रक्त दान, दान कुछ कीजिए। दान देना नेक काम, करे कोई
Read Moreकितने दुख और अफ़सोस की बात है कि मानव प्रजाति, जो अपने आपको इस पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान प्राणी समझता
Read Moreआये थे तुम जब लेकर हौसले, अरमान ,आशायें खुशियों के दबे ढके से सुनहले अहसास । कुछ ख्बाव ,कुछ सपने
Read More“मिसेज मधुरिता से निवेदन करूँगा कि वह अपना साहित्यिक गौरव सम्मान स्वीकारने हेतु मंच पर पधारें।और हम सबको ,यह सम्मान
Read Moreतुम्हारे नर्म अहसासों को हर पल गुनगुनाता हूँ। मैं कल भी मुस्कुराता था मैं अब भी मुस्कुराता हूँ।। तुम्हारे… भले
Read More# परशुराम का संताप यह संताप प्रबलतम् हृदय विशद का अमिट कलंक यह मुझ पर मातृ वध का सत्य है
Read Moreमुंह से एक शब्द ना निकला भारत माता के बंटने पर, कब किसने आंसू छलकाया मेरे जिस्मो केे कटने पर।
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