वोट पर्व
होंगे नहीं जबतक हम सभी खुद ही समझदार तब तक तो हम इस देश को लुटाते रहेंगे ! होगा नहीं
Read Moreकोई तो वृक्षों की व्यथा सुने! काश, वृक्ष भी राक्षसों के जमाने जैसे होते! कट जाने पर एक, खड़े कई
Read Moreनहीं मिल सका आम जनता को कुछभी, हमें बस सुनाये बजट के बतोले। किया तेल महँगा भरी ज़ेब अपनी,
Read Moreहाँ! मैं मिट्टी हूँ पर बहुत जिद्दी हूँ। लिखी कुम्हार के हाथों तकदीर सनती कुटती पिटती हर दिन तोड़ा मरोड़ा
Read Moreकीट पकड़ कर डाॅक्टर आए । मुझे देख कर वो मुस्कुराकाए । छुए हाथ और छुए माथा , बुखार होने
Read Moreहर हाथ में रहे तिरंगा भाई । हर हाथ में बहे गंगा भाई । तन-मन सुंदर निर्मल-धवल । चेहरे पर
Read Moreबरसो बरखा,बरसो बरखा,गाओ गीत सुहाने । आ जाओ हर प्राणी की अब,प्यास बुझाने ।। कबसे हम सब तरस रहे थे
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