पर्यावरण

सुरखाब या चकवा पक्षी

अक्सर आपने सुरखाब पक्षी या चकवा पक्षी के बारे में सुना और पढ़ा होगा, पर क्या आप जानते हैं की यह एक ही पक्षी के दो नाम हैं।
सुरखाब पक्षी बहुत ही सुंदर पक्षी होता है यह हंस वर्ग का सदस्य है, चकवा या सुरखाब पक्षी के कई नाम प्रसिद्ध है अंग्रेजी में इसे Ruddy Shelduck कहते हैं इस का वैज्ञानिक नाम Tadorna ferruginea है, इसका एक नाम सुरखाब बहुत प्रसिद्द है, इस पक्षी के पंख इतने सुन्दर होते हैं की इन पंखो पर एक मज़ेदार कहावत बन गयी है, अक्सर उलाहना देने के लिए यह कहा जाता है की “उसमें कौन से सुरखाब के पंख लगे हैं ?”
यह अनोखा जलीय पक्षी है जो झील और तालाब के किनारे रहना पसंद करता है, इसका आकार 45 -58 सेंटीमीटर के बीच होता है, इसके पंखों का फैलाव 110 से 135 सेंटीमीटर तक होता है, चकवा – सुरखाब पक्षी देखने में अत्यंत सुंदर होता है इसके शरीर का रंग सफेद और गहरा नारंगी भूरा होता है, इसकी पूंछ और पंख काले-सफ़ेद होते हैं यह प्रवासी पक्षी है जो की सर्दियों का वक्त भारतीय उपमहाद्वीप में व्यतीत करता है यह अपना प्रजनन काल दक्षिणी यूरोप और मध्य एशिया में व्यतीत करता है, इसकी आवाज बहुत तेज हॉंक हॉंक जैसी होती है।
सुरखाब पक्षी नदी तालाबों झीलों के आसपास ही पाए जाते हैं, चकवा – सुरखाब के बारे में कथा प्रसिद्ध है कि इसे श्राप दिया गया है की दिन में तो नर और मादा साथ रहते हैं लेकिन रात में चकवा – चकवी अलग अलग हो जाते हैं जिससे कि यह वियोग में तड़पते रहते हैं और एक दूसरे को पुकारते रहते हैं, वास्तव में यह केवल साहित्य की कहानियों और कविताओं में दी गयी उपमा मात्र है।
यह उम्र भर के लिए जोड़ा बनाते हैं, यह पानी से काफी दूरी पर घोंसला बनाता है, मादा एक बार में 8 अंडे देती है, मादा चार हफ्तों तक इन अन्डो को सेती है, अंडों से निकले हुए बच्चों का पालन माता पिता दोनों मिलकर करते हैं, अंडों से निकलने के 8 हफ्ते बाद सुरखाब के बच्चे उड़ने लगते हैं।
मध्य और पूर्वी एशिया में इनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, यूरोप में इनकी संख्या में लगातार कमी आती जा रही है, कुल मिलाकर पूरी दुनिया में चकवा – सुरखाब पक्षी की अच्छी आबादी मौजूद है इसलिए इन्हें कम चिंता वाले जीवों की श्रेणी में रखा गया है।
सुरखाब पक्षी एक रात्रिचर पक्षी होता है, यह रात्रि में ही सक्रिय होता है, यह सर्वाहारी पक्षी है जो की घास, छोटे अंकुर, छोटे पौधे, अनाज तथा कीट पतंगे खा लेता है यह केवल पानी की सतह पर ही तैरता है बत्तख की तरह पानी के अंदर गोता नहीं लगाता।
सुरखाब पक्षी हमेशा जोड़ों में ही देखे जाते हैं, कभी-कभी यह छोटे झुण्ड में भी दिख जाते हैं, सर्दियों के समय प्रवास के दौरान झीलों के किनारे इनके बड़े झुंड एकत्रित हो जाते हैं। यह मध्य एशिया में प्रजनन के लिए मार्च से अप्रैल के महीने में आते हैं, नर और मादा में आपसी संबंध बहुत मजबूत होता है यह अपने इलाकों की बहुत आक्रामकता से रक्षा करते हैं।

— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

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