कविता

सार्थकता

मन करता है ,
हरी दूब के फर्श पर लेटे
तारों को साक्षी कर
हाथ तुम्हारा थाम
कुछ बाते दिल की करें।
कुछ अनकही, अनसुनी
जो मेने भी कभी ना जानी,
ऐसी दिल की गिरहे खोले।
कुछ तुम मेरे ज़ख्मो के
मरहम बनो
कुछ दर्द तुम्हारा मैं कम करूँ।
ये मिलन अकस्मात ना था,
हमारे आत्मा की कोई दबी
चाहत होगी।
मेरे बिखरे अस्तित्व को,
अपने अंक में जब भर लोगे,
मौन प्रेम की सार्थकता होगी,
आँखों के कोने से, दो आँसू
भले ही लुढ़के,
होंठो पे  मेरे
बस मुस्कान होगी।
— सविता दास सवि

सविता दास सवि

पता- लाचित चौक सेन्ट्रल जेल के पास डाक-तेजपुर जिला- शोणितपुर असम 784001 मोबाईल 9435631938 शैक्षिक योग्यता- बी.ए (दर्शनशास्त्र) एम.ए (हिंदी) डी. एल.एड कार्य- सरकारी विद्यालय में अध्यापिका। लेखन विधा- कविता, आलेख, लघुकथा, कहानी,हाइकू इत्यादि।