विज्ञान

क्या भविष्य में संसार रोबोटीय होगा

संसार का वर्तमान तो केश लेस ,फ़ास्ट फ़ूड ,बोतलों बंद पानी ,रिश्तों को दरकिनार सामाजिक परम्पराओं से दूर ,लोक संस्कृति ,शुद्ध भाषा -बोली को (अंग्रेजी) मिश्रित कर ही रहा है ।पाश्च्यात सभ्यता का लबादा ओढे हुए खुद की सभ्यता को भूल रहा ही । सन 3000 में तो इलेक्ट्रानिक युग अपनी चरम सीमा पर १००%रहेगा ।परमाणु जखीरे ,जीवाणु-विषाणु का एकत्रीकरण की होड़ ,अंतरिक्ष में चहलकदमी ,चाँद ,अन्य ग्रहों पर बसने की चाहत| उदाहरण को लीजिये जैसे -इंसान पैदल चलता तो उसकी चाह सायकल ,सायकल से मोटर सायकल ,मोटर सायकल से फोर विह्लर फॉर विह्लर से हवाईजहाज आदि की रही है ।ज्यादातर त्यौहार -पर्व जैसे वेलेंटाइन तो विलुप्त हो ही जायेंगे|क्योकिं इंसान के पास समय ही नहीं रहेगा इन्हें मनाने और भावनाओं को व्यक्त करने का | इसका कारण ये सब पृथ्वी पर ही होता है ।अंतरिक्ष में इंसान का वक्त ज्यादा बीतेगा तो केलेंडर समय आदि के लिए समय का आकलन कहा से होगा ? स्टारवार का चलन होगा । पृथ्वी पर परमाणु बमों ,मिसाइलों के प्रयोगों से विकिरण बढेगा वही आक्सीजन की कमी ,प्रदूषण से महामारी आदि उत्पन्न होगी । इसका अंदाज इंसानों को हो गया है| तभी वर्तमान में पृथ्वी को बचाने, पर्यावरण, स्वच्छता आदि पर विशेष ध्यान परमाणु जखीरों पर पाबन्दी हेतु अंतरराष्ट्रीय बैठको में नियम, वचनबद्धता तय की गई है |ताकि पृथ्वी सुरक्षित हो सके ।विकास के ग्राफ उचाइयां को छू जायेंगे जो कि अकल्पनीय होंगे।वर्तमान के स्थिति जो पूर्णतः इलेक्ट्रानिक के अधीन होगी |उस पर ही हमें रहने की आदत हो जाएगी कहने का मतलब रोबोटीय जिंदगी । सवाल ये भी उठता है की अंतरिक्ष में लाखो शुद्र ग्रह एस्टेरॉइड भटके हुए है वो कभी भी पृथ्वी से टकरा सकते है। खैर, वर्तमान हमारी सोच ये है की सन 3000 में संसार में विश्वशांति बनी रहकर हमारा संसार अंतरिक्ष से देखने पर बेहतर और सुन्दर सा दिखाई दे ।

— संजय वर्मा “दृष्टी”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच