कविता

दिलखुश जुगलबंदी- 26

आवश्यक है सकारात्मकता को बनाए रखना

किसी ने मुझसे पूछा इस जहां में आपका अपना कौन है?
मैंने हंस कर कहा, ” वक्त”,
अगर वह सही है तो सब साथ हैं वरना कोई नहीं.
कृष्ण सिंगला

यही वक्त ही तो था,
जिसने मां की गोदी में ही भारत-विभाजन की विभीषिका दिखा दी,
पैदा होते ही वीरता की घुट्टी पिला दी,
सहनशीलता सिखा दी.
यही वक्त अब कोरोना लाया है,
देखें क्या-क्या दिखा जाता है!
कौन-कौन से सबक सिखा पाता है!
हम वो नहीं जो डर जाएं,
कोरोना के भय से जीते जी मर जाएं,
हम लड़ते रहेंगे,
आगे बढ़ते रहेंगे,
कोरोना से मुकाबला करते रहेंगे,
अपनी भारतीय संस्कृति के उसूलों के संबल से,
इसको हराकर ही दम लेंगे,
इसको भगाकर ही दम लेंगे.

 

जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे ऐ दोस्त,
मौत का सीजन चल रहा है वादा नहीं कर सकते.
कृष्ण सिंगला

शब्दों का प्रयोग सावधानी से करिए जनाब,
ये आपकी परवरिश का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हैं,

वादा तो करना ही पड़ेगा दोस्त!
हमारी दोस्ती इरादों के ही दम पर टिकी है,
जीने का इरादा होगा तो ही जी पाओगे,
वरना मौत के हाथों बेमौत मारे जाओगे,
उठो, उठकर मौत को ललकारो,
उससे जीवन की भीख मत मांगो,
पर हौसले हारकर उसकी हिम्मत मत बढ़ाओ.

लीला तिवानी

उदासी का साया ना रहे आसपास,
जिन्दगी में बना रहे हौसला और उल्लास
-चंचल जैन

भले तेज कितना, हवा का हो झोंका,
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा,
जो बिछड़े सफ़र में तुझे फिर मिलेंगे,
उदासी भरे दिन कहीं तो ढलेंगे.
सुदर्शन खन्ना

श्रीकृष्ण जी, कोरोना से इस महाभारत में गीता उपदेश दीजिए,
गोवर्धन उठाइए और ज़रूरत हो तो सुदर्शन चक्र चलाइए.
सुदर्शन खन्ना

सच ही तो है!
हमें आशावादी होना होगा,
कोरोना से पहले मन से कोरोना के भय को भगाना होगा,
बिंदास रहकर जीवट से जीवन जीना होगा,
एक निराशावादी को हर अवसर में कठिनाई दिखाई देती है;
एक आशावादी को हर कठिनाई में अवसर दिखाई देता है.
इसलिए आवश्यक है,
सकारात्मक होना,
सकारात्मक सोचना,
सकारात्मक लिखना,
सकारात्मक पढ़ना,
सकारात्मक होकर आगे बढ़ना,
आवश्यक है सकारात्मकता को बनाए रखना.
लीला तिवानी

कृष्ण सिंगला का ब्लॉग
https://jayvijay.co/author/krishansingla/

सुदर्शन खन्ना का ब्लॉग
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/sudershan-navyug/

चंचल जैन का ब्लॉग
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/chanchal/

लीला तिवानी का ब्लॉग
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/

यह वक्त ही तो है, जो रविंदर सूदन भाई जी के सौजन्य से कृष्ण सिंगला भाई से हमारी डिजिटल मुलाकात हुई और अब हर दूसरी रचना कृष्ण सिंगला भाई के नाम आ रही है. अब तो कृष्ण सिंगला भाई दिलखुश जुगलबंदी के दिलदार भी हो गए! आप लोगों को तो याद ही होगा, कि दिलखुश जुगलबंदी के सबसे पहले दिलदार सुदर्शन खन्ना भाई हैं, जिन्होंने एक दिन बैठे ठाले फेसबुक पर दिलखुश जुगलबंदी का आह्वान कर डाला. जैसे ही दिलखुश जुगलबंदी के 51 एपीसोड हो जाएंगे, आपके समक्ष दिलखुश जुगलबंदी की ई.बुक आ जाएगी. दिलखुश जुगलबंदी में भागीदारी के लिए आपका कोई ब्लॉगर होना भी आवश्यक नहीं है, सामान्य पाठक भी दिलखुश जुगलबंदी में सक्रिय भागीदारी कर सकते हैं. आवश्यक है सकारात्मकता को बनाए रखना.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “दिलखुश जुगलबंदी- 26

  • लीला तिवानी

    यह वक्त ही तो है, जो रविंदर सूदन भाई जी के सौजन्य से कृष्ण सिंगला भाई से हमारी डिजिटल मुलाकात हुई और अब हर दूसरी रचना कृष्ण सिंगला भाई के नाम आ रही है. अब तो कृष्ण सिंगला भाई दिलखुश जुगलबंदी के दिलदार भी हो गए! आप लोगों को तो याद ही होगा, कि दिलखुश जुगलबंदी के सबसे पहले दिलदार सुदर्शन खन्ना भाई हैं, जिन्होंने एक दिन बैठे ठाले फेसबुक पर दिलखुश जुगलबंदी का आह्वान कर डाला. जैसे ही दिलखुश जुगलबंदी के 51 एपीसोड हो जाएंगे, आपके समक्ष दिलखुश जुगलबंदी की ई.बुक आ जाएगी. दिलखुश जुगलबंदी में भागीदारी के लिए आपका कोई ब्लॉगर होना भी आवश्यक नहीं है, सामान्य पाठक भी दिलखुश जुगलबंदी में सक्रिय भागीदारी कर सकते हैं. आवश्यक है सकारात्मकता को बनाए रखना.

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