गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल – आँगन का गुल महका होगा

आँगन का गुल महका होगा
मंज़र प्यारा कितना होगा
मैं धारा,वो होगा दरिया
बहक गया दिल कब का होगा
हँसता होगा मन ही मन वह
 लिखकर ख़त जब पढ़ता होगा
दूर तलक जब जाते देखा
अश्क आँख से छलका होगा
गुलमोहर सुनता होगा सब
राग दिलों का झरता होगा
भीगे भीगे मौसम में वह
यादों में भी तड़पा होगा
अहसासों की डोरी में इक
मनका रोज पिरोता होगा
यादों की बारिश में मन को
कैसे वो भरमाता होगा
मोहब्बत करता है इतनी
झूठ-झूठ ही लड़ता होगा
✍🏻 रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन