लेखसामाजिक

वैष्णो देवी के धन से इस्लाम का पालन पोषण

प्राचीन काल से ही इस्लाम अपने छल बल से सनातन के धार्मिक स्थलों पर कब्जे करता रहा है। इसका मुख्य कारण यह भी है की हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर अपार धन और संपत्ति होती है।  जिससे भूखे नंगे और क्रूर इस्लाम को धार्मिक स्थलों पर कब्जे के पश्चात् फलने फूलने में कोई दिक्क्त नहीं होती है। यही जम्मू कश्मीर में भी हुआ है। मुस्लिमों ने पहले कश्मीरी पंडितों के साथ भाईचारा किया फिर धीरे धीरे उनकी जड़ों को काटना शुरू किया और एक समय ऐसा आया जब सारे कश्मीरी पंडितों को मारकर भगा दिया गया और उनकी संपत्ति एवं धार्मिक स्थलों पर कब्ज़ा कर लिया गय। अब धीरे-धीरे इस्लाम उत्तराखंड की ओर वहां के लालची साधुओं के सहारे अपनी जड़ें जमा रहा है और फिर एकदिन कश्मीर जैसा नजारा वहां भी देखने को मिलेगा।

अब बात करते हैं, वैष्णो देवी यात्रा के दौरान मेरे ही परम आदरणीय वरिष्ठ अधिकारी के साथ डेढ़ अथवा दो वर्ष पूर्व घटी घटना की। मेरे आदरणीय वरिष्ठ अधिकारी अपने परिवार के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए और वहां पहुँच कर उन्होंने परिवार के रात्रि विश्राम और भोजन के लिए होटल दुर्गा में कमरा लिया और वहीँ से होटल मालिक सोनू टाइगर की सहायता से वैष्णो देवी यात्रा की योजना बनाई। सोनू टाइगर ने टैक्सी आदि का बंदोबस्त करवाया। मेरे अधिकारी वैष्णो देवी यात्रा के लिए परिवार सहित निकल गए और लौट कर वापस होटल में अपने कमरे में आ गए।  अगले दिन सुबह हुई और होटल से विदा लेने और उसका भुगतान करने का समय आ गया। मेरे अधिकारी ने आस पास के कई एटीएम के चककर लगाए, लेकिन किसी से भी पैसा नहीं निकला उनका फोन भी कार्य नहीं कर रहा था।  वो थक हारकर वापस होटल में आ गए और होटल मालिक सोनू टाइगर से आग्रह किया की वो उसके कहते में पांच हजार रूपये डलवा रहे हैं वो अपने होटल का बिल भुगतान के पश्चात् बाकि पैसा उनको लौटा देगा पहले तो होटल मालिक राजी नहीं हुआ फिर वो पांच हजार के साढ़े चार हजार देने पर राजी हुआ । मेरे अधिकारी ने होटल मालिक के फोन से मुझे फोन किया और होटल मालिक का बैंक खाता नंबर देकर उसमें तत्काल ५००० रुपए डालने के लिए बोला। मैंने गूगल पे में होटल मालिक का खाता नंबर डालकर सर्च किया तो होटल मालिक का नाम मुस्लिम आया मैं एकदम दंग रह गया होटल का नाम दुर्गा मालिक अपना नाम सोनू टाइगर बता रहा है और खाता नम्बर मुस्लिम का, मैंने तुरंत होटल मालिक के नंबर पर फोन किया और बताया की इस खाता नम्बर में तो किसी मुस्लिम का नाम दिखा रहा है तो वो बोला हाँ वो मेरे पापा हैं।  आखिर मैंने उस खाते में पैसा डाल दिया और उधर होटल मालिक सोनू टाइगर ने ५०० रुपए खाते में पैसा मगवाने का काटकर तथा बाकि होटल चार्ज काटकर बाकि पैसा मेरे अधिकारी को लौटा दिया।

तब मेरी समझ में आया की जिस वैष्णो देवी की यात्रा करने हिन्दू बड़ी ही ख़ुशी से और बहुत ही धार्मिक बनकर जाता, वहां पर तो हिन्दुओं का मुर्ख बनाकर इस्लाम रुपी राक्षस कश्मीरी पंडितों को भगा कर उनकी भूमि पर अपने बड़े-बड़े धंधे खोल कर बैठा है और हिन्दू अपना पैसा वहां लुटा कर आ रहा है। और उसी पैसे के बल पर इस्लाम बहुत ही तेजी के साथ देश के अन्य हिस्सों में अपने पैर जमा रहा है। जब वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने रोजे के दिनों में प्रतिदिन ५०० मुस्लिमों की इफ्तारी का इंतजाम किया और उनपर करोड़ों रूपये लुटा दिए तो हिन्दुओं की नींद खुली।  सत्य तो ये है की वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पर भी मुस्लिमों का दबदबा है और वो उसके पैसे को भी अपने इस्लाम के विकास में उपयोग करते हैं । वैसे यदि हिन्दू चाहे तो आर्थिक भहिष्कार करके इन सबकी कमर तोड़ सकता है ऐसी अधार्मिक यात्राओं जिनका पैसा सीधे-सीधे इस्लाम के फलने फूलने में जा रहा है को स्थगित कर इस्लाम के छल का छल से उत्तर दे सकता है।

धर्मवीर सिंह पाल

फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई के नियमित सदस्य, हिन्दी उपन्यास "आतंक के विरुद्ध युद्ध" के लेखक, Touching Star Films दिल्ली में लेखक और गीतकार के रूप में कार्यरत,