कविता

चक्रवर्ती सम्राट

  1. केवल  घोड़ा  छोड़  कहलाना ,  चक्रवर्ती,  अश्वमेध  नहीं ,
    लौट  अश्व ,  उस  यज्ञस्थल  पर,  यह  भी  अश्वमेध  नहीं ।
    होता    अश्वमेध   बहु –  अश्व –  मुक्ति  का,   यज्ञ   महान ,
    होमादि   में   प्रवाह  पाप  कर , बन  पांडव  अज्ञ – महान ।
    त्रेता    में   रामचंद्र  ने   किया,  अश्वमेध   का  दूत – गमन ,
    अश्व  –  असुर –  पशुबुद्धि,  पान –  मद्य  औ’ द्यूत – जलन ।
    जहाँ  राम  ने  माया  सीता  की,  स्वर्ण  –  मूरत बनाया था ,
    द्वापरा युद्धिष्ठिर तहाँ पर्वत से ,  रतन-जवाहरात लाया था ।
    ऋचाओं  के  मन्त्र – सिद्धि  से , आदि  में   यश-गान  हुआ ,
    यंत्र – तंत्र  के परा प्रणाली  से , उषाकाल  का  भान  हुआ ।
    विजय   जहां   विशेष  है,  जय   की  महिमा  वहाँ  अपार ,
    है    हवनकुण्ड  में  अक्षत  की ,  मंडित  गरिमा  –  संसार ।
    हो  आकाशी  पुष्पवर्षा , पर  स्वहितार्थ  जो, अश्वमेध नहीं,
    क्षमा ,दया , दीन – रक्षा – पूजा, जीव – सेवा , अश्वमेध सही।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.