कविता

प्यारा भारत

प्यारा भारत देश हमारा,
मैं इसकी संतान हूँ।
देश सेवा की खातिर मैं,
हर पल कुर्बान हूँ।।
यहाँ गंगा, यमुना, सरस्वती,
पर्वत राज विराट है।
आयोध्या में प्रभु चरणों को,
धोता सरयू घाट है।।
यह धरा है राम- कृष्ण की,
जन्मे हैं कई वीर महान।
इसी कारण से भारत की है,
विश्व में अलग पहचान।।
मैं भी देश सेवा में जाऊँगा,
कुछ समय बिताऊंगा।
अपनी मेहनत से मैं इसको,
प्रगति पर ले जाऊंगा।।
भगत सिंह, आजाद बनकर,
गीत देश के गाऊंगा।
हे भारत माँ तुझसे है वादा,
तेरी लाज बचाऊंगा।।
प्यारा भारत देश हमारा,
मैं इसकी संतान हूँ।
देश सेवा की खातिर मैं,
हर पल कुर्बान हूँ।।
— नवनीत शुक्ल

नवनीत शुक्ल

शिक्षक/सम्पादक रायबरेली-उत्तर प्रदेश मो.न.- 9451231908 शिक्षक