विविध

असलियत क्या ?

आदरणीय जी,
सादर नमस्ते !

लेखन से आशय ‘असलियत’ बताना है और हमें संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर दकियानूसी व बाह्याडम्बरी चीजों पर हल्लाबोल करना है !

रचनाओं को जीवित रखने में और उसे पुनर्जीवित करने में आपके सहयोग अपेक्षणीय है, अन्यथा आपकी सेवाशर्त्त सुस्पष्ट नहीं है !

कवि व स्तम्भकार श्री मिथिलेश राय के जन्मदिवस पर शुभकामनाएँ,
आपकी कविता-पुस्तक ‘ओस पसीना बारिश फूल’ से–

“तुम कभी जान नहीं पाओगे
कि सड़कों के गर्भ में जो खेत विलीन हो गए हैं
उनकी फसलें खाकर तुम्हारी माँ
अपने स्तन में दूध पैदा करती थीं !”

(कविता ‘राजमार्ग’ से)

“फिर तो अब तक
जो भी दोस्त मिले,
बेवफ़ा मिले !
यकीन से बंधु !”

पुनश्च से क्या आशय है, प्रकाश डालेंगे ?

सादर भवदीय-

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.