कविता

5 झिंझोरती कविताएँ

1.
 
संभ्रांत बोल
सबकोई ‘पलवा’ के
” ” चाट रहे हैं !
क्या-क्या चाटने-चटवाने ?
चटनी की यारी लिए
यानी
संभ्रांत जाति की बोल !
2.
 
चुपचाप
ट्रैफ़िक पेनाल्टी पर
श्री नीरज नीर–
‘मुर्दे चद्दर तान के,
सोते हैं चुपचाप;
जैसा जी में आए,
नियम बनावें आप !’
 
3.
 
बाबा
दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे
कि ” ” लाल कर देंगे !
क्यों बाबा,
क्यों ऐसा करेंगे ?
एक कुलीन जाति की बोल !
 
4.
 
पलवा
पीठ पीछे पाल को
‘पलवा’ कह ही देता है !
पर छात्रजीवन में
मित्र सामने कहते-
झा को झौआ,
मिश्र को मिश्री,
सिंह को सिंघी,
यादव को जद्दु !
 
5.
 
सीएल
 
स्कूल में सीएल
बचाने के लिए होती–
मारा-मारी,
गाली-गलौजियाँ;
वहीं ‘अवैतनिक’ में जाना ही है
मर्द की बात,
पर जो मर्द नहीं हो, तब !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.