बाल कविता

एकता में बल

एक गांव में रहते दो भाई,
आपस में करते खूब लड़ाई!!
कभी झगड़ा तो कभी रगड़ा,
दोनों करते खूब लफरा !!
एक दिन पिता ने दौनो को पास बुलाया,
मिल जुल कर रहने का पाठ पढाया !!
दौनों को कुछ समझ ना आया,
पतली लकड़ी का एक गठरी मंगाया!!
एक लकड़ी को वो तोड़ दिखाया,
समूची गठरी को पर वो तोड़ ना पाया !!
एकता में बल है ये समझाया!!
दौनों को ये बात समझ में आई,
फिर दोनों में कभी ना हुई लड़ाई!!

— अदिती कुमारी, कक्षा – 4