ओम के प्रसंगश:
श्री किदवई नामक व्यक्ति ने मुंबई में बीबीसी संवाददाता सुशांत मोहन को ओम पुरी के साथ उनकी मृत्यु के पहले बिताई शाम का ब्यौरा दिया- “मैं कल शाम को साढ़े 5 बजे ओम पुरी के घर गया था । वहाँ उनका एक इंटरव्यू चल रहा था। इंटरव्यू ख़त्म होने के बाद ओम पुरी ने मुझसे कहा कि एक समारोह है क्या हमारे साथ चलोगे। मुझे कहा कि मुझे निमंत्रण नहीं है ! मैं कैसे जाऊँ ? फिर ओमपुरी ने कहा कि अच्छा ठीक है, मुझे वहाँ तक छोड़ दो। फिर हम कार से मनोज पाहवा के घर पहुँचे । वहाँ ओम पुरी जी का किसी से कुछ हॉट डिस्कशन हुआ ।उसके बाद ओम पुरी जी ने कहा कि चलो यहाँ से चलते हैं । हम यहाँ से दस-साढ़े दस के करीब वहाँ से चल दिए, फिर ओम पुरी ने कहा कि चलो मैं अपने बेटे ईशांत से मिल लेता हूँ। सोसाइटी के बाहर पहुँचने पर उन्होंने ईशांत को फ़ोन किया। ईशांत तब तक पार्टी में ही था. ईशांत ने कहा कि पार्टी में ही आ जाओ, तब ओम पुरी ने कहा कि नहीं मैं पार्टी में नहीं आऊँगा। ओम पुरी ने एक ड्रिंक ली और कहा कि अगर ड्रिंक खत्म होने तक बेटा नहीं आया तो चल देंगे। फिर हम कुछ देर बाद वहाँ से चल दिए। बेटे को लेकर काफ़ी भावुक थे ओम पुरी । कह रहे थे- सब कुछ मैं देता हूँ पैसा, फ्लैट, नौकर, पर बेटे से मिलने नहीं देते ! फिर हम ओम पुरी जी घर पर चल गए. रात के साढ़े 11 बज गए थे. चलते वक्त मुझसे गले मिले, बोले- बेटा मुझे तुम पर गर्व है । मैं तुम्हारे साथ हूँ । फिर मैं नीचे आ गया और कार से घर चला आया । जब मैंने कार पार्क की तो देखा कि सीट के नीचे ओम पुरी जी का पर्स था । उनका पर्स गिर गया था। मैंने सोचा कि अब रात 12 बजे में क्या फ़ोन करना, सुबह फ़ोन कर उन्हें पर्स गिरने की जानकारी दूँगा । फिर मैंने सुबह साढ़े छह बजे ओम पुरी जी को फोन किया, कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने उनके ड्राइवर को फोन किया और कहा कि ओम पुरी जी का पर्स ले जाना ! आठ बजे करीब उनके ड्राइवर का फोन आया और ओम पुरी के निधन की सूचना दी।”