शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद मुझसे बातें करता,
देखे होंगे कई पूर्णिमा के चांद तुमने,
मुझमें बात कुछ अलग है,
मै तुम्हारे प्रियवर की याद दिलाता हूं,
मैं तुम्हारी उदासी दूर करता हूं,
चांद कहता है मैं तुम्हारी हर कामना पूरी करता हूं,
तुम्हें शीतलता का एहसास दिलाता हूं,
मैं चांद से कहती तुम ऐसे ही उजाले कर दो,
हर किसी के जिंदगी में रोशनी भर दो,
मेरे प्रियवर से तो मिलाओ मुझे,
बाकी सबके प्रियवर को भी उनसे मिला दो,
सबके चेहरे पर खुशी का नूर भर दो,
सबकी जिंदगी रंगीन कर दो,
हे शरद पूर्णिमा के चांद,
तुम साल में एक बार आते हो,
सबके दिलों के अंदर अमृत भर दो।।
— गरिमा लखनवी