कविता

आगे क्यों बढ़े ?

आगे क्यों बढ़े ?

बढ़ने के लिए

उनके लिए

आपदकाल

और ख्याल

एक और एक

कहकर उसने कहा

कि जब हम आपको

खाकर गिर पड़

उसके साथ-साथ

उनके प्रसंगश:

आगे बढ़कर कोई नहीं

कि एक से बढ़कर एक

आगे भी बढ़-चढ़कर

पीछे की बहाली के साथ

और भी प्रसंगकर

उसी के सापेक्ष

एक और एक

साथ-साथ साथियों

रोज ब रोज

सुबह के वाष्प में

वृहदतम आँकड़े के रूप में

शह और मात के अंतरतम

ऊपर-नीचे

राजनीति के विन्यास

इनसे रूप-कुरूप के

प्रकार-संस्कार

देकर भी रूपांकर

आगे से आगे

राज-परिवर्त्तन

राजनीति-कारण के पार

कारनामा भी गायब

क्योंकि यह है

चमेली का तेल

आखिर आगे क्यों बढ़े ?

 

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.