लघुकथा

लघुकथा – एक अकेला 

सेवानिवृत्त अध्यापक आलोकराम हर मौसम में अपने साथ छाता लिए बिना घर से बाहर के लिए  नहीं निकलते। छाता और आलोकराम मानो एक दुसरे के पूरक बन चुके थे। पीठ पीछे कुछ लोग उन्हें छाताराम, छतरीवाला, अम्ब्रेला मैन आदि कहकर कटाक्ष करते थे । इसके बारे में उनके घनिष्ठ मित्र चतुरमल ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कहने लगे, “देखो भाई, लोगों द्वारा पीठ पीछे खिल्ली उड़ाने के कारण मैं अपने सेहत से समझौता नहीं कर सकता। धूप में बिना छाते के घूमने पर लू लगने का ख़तरा होता है। बारिश के मौसम में सर्दी-जुकाम होने की सम्भावना बनी रहती है। लोगों की परवाह किए बिना अपनी पसंद की वेशभूषा पहनना, घूमना – फिरना और रहना चाहिए। ” आलोकराम के तर्क के आगे चतुरमल ने हार मान ली।
आलोकराम ने एक शादी में शामिल होने के लिए नये कपड़े पहने। छाता लेकर घर से निकलते समय उनकी पत्नी शांति ने उन्हें टोकते – रोकते हुए कहा, ” नये परिधान के साथ पुराना छाता टाट में पैबंद समान लगता है। अब तो बरसात का मौसम भी नहीं है। ” ” आजकल बारिश का कोई भरोसा नहीं होता है।नवंबर – दिसंबर और मार्च अप्रैल में भी पानी गिरते देखा है। ” आलोकराम ने पत्नी को जवाब दिया और प्रतिक्रिया जाने बिना घर से निकल पड़े।
आलोकराम को विवाह समारोह में पीठ पीछे यूँ छाता लटकाए देखकर कुछ लोग मुस्कुराए। कईयों ने अपनी हंसी को मुश्किल से रोका। आलोकराम आमंत्रित से मिले। वर – वधू को आशीर्वाद दिया। भोजन किया। इतने में बरखा रानी बरसने लगी। जो लोग कार में आए थे, वे सब निश्चिंत दिखे। बाकी लोगों के पास बरसात थमने की प्रतीक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। आत्माराम ने अपना छाता खोला और बेफिक्र होकर चल पड़े अपने घर की ओर।
— अशोक वाधवाणी 

अशोक वाधवाणी

पेशे से कारोबारी। शौकिया लेखन। लेखन की शुरूआत दैनिक ' नवभारत ‘ , मुंबई ( २००७ ) से। एक आलेख और कई लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ नवभारत टाइम्स ‘, मुंबई में दो व्यंग्य प्रकाशित। त्रैमासिक पत्रिका ‘ कथाबिंब ‘, मुंबई में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ आज का आनंद ‘ , पुणे ( महाराष्ट्र ) और ‘ गर्दभराग ‘ ( उज्जैन, म. प्र. ) में कई व्यंग, तुकबंदी, पैरोड़ी प्रकाशित। दैनिक ‘ नवज्योति ‘ ( जयपुर, राजस्थान ) में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ भास्कर ‘ के ‘ अहा! ज़िंदगी ‘ परिशिष्ट में संस्मरण और ‘ मधुरिमा ‘ में एक लघुकथा प्रकाशित। मासिक ‘ शुभ तारिका ‘, अम्बाला छावनी ( हरियाणा ) में व्यंग कहानी प्रकाशित। कोल्हापुर, महाराष्ट्र से प्रकाशित ‘ लोकमत समाचार ‘ में २००९ से २०१४ तक विभिन्न विधाओं में नियमित लेखन। मासिक ‘ सत्य की मशाल ‘, ( भोपाल, म. प्र. ) में चार लघुकथाएं प्रकाशित। जोधपुर, जयपुर, रायपुर, जबलपुर, नागपुर, दिल्ली शहरों से सिंधी समुदाय द्वारा प्रकाशित हिंदी पत्र – पत्रिकाओं में सतत लेखन। पता- ओम इमिटेशन ज्युलरी, सुरभि बार के सामने, निकट सिटी बस स्टैंड, पो : गांधी नगर – ४१६११९, जि : कोल्हापुर, महाराष्ट्र, मो : ९४२१२१६२८८, ईमेल ashok.wadhwani57@gmail.com