संस्मरण

सैंटाक्लास से मेरी विश

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“जय विजय” के माध्यम से सैंटाक्लास से क्रिसमस पर यह विश माँगना चाहूँगी कि कभी भी एक बच्चे से ईश्वर उसके पेरेंट्स को नहीं छीने!!गिफ़्ट्स,चाकलेट,हर चीज़ से बढ़कर होते हें मम्मी-पापा!मम्मी-पापा की जगह तो खुद ईश्वर भी नहीं ले सकते!बच्चों के सैंटा तो उनके पेरेंट्स ही होते हें!17 साल पहले में जब 17 साल की थीं,तब ही मम्मी को खो दिया था!ईश्वर से एक साल तक नाराज़ भी रही!गणपति जी को बोहोत मानती थी पहले!पर ये ईश्वर का इंसाफ़ नहीं की एक बच्चे से उसकी मम्मी को छीन लेना!मम्मी-पापा एक दिन ही नहीं अपनी पूरी ज़िंदगी बच्चों के लिए सैंटाक्लास होते हें,जो बिना माँगे अपने बच्चों की सारी विश पूरी करते हें,उन्हें सारी ख़ुशियाँ देते हें,उसके लिए उन्हें चाहे कितनी भी परेशानियाँ उठानी पड़ें!में भी अपने सैंटाक्लास मेरी मम्मी (जो ईश्वर के घर हें,पर उनका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है),और मेरे पापा को जो मेरी हर मुश्किल में साथ हें,मेरी हिम्मत हें,को मेरी क्रिसमस विश करती हूँ! सैंटाक्लास से विश करती हूँ हर जन्म में येही मम्मी-पापा मिले और मेरा बचपन-टीनेज बिना मम्मी के नहीं बीते, इस जन्म की तरह!!सभी प्यारे-प्यारे बच्चों को मेरी क्रिसमस!!

— डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट

डॉ. मिली भाटिया आर्टिस्ट

रावतभाटा, राजस्थान मो. 9414940513