लेख

2020

2020 जाने को तैयार खड़ा है तो नज़र डालते है पुरे साल पर कि क्या हुआ ?
कारण इसके ,परिणाम
क्या सीख दी इसने इसको जानना जरूरी है हमारे लिए ।
साल की शुरुआत हमेशा की तरह पुरे जोश, उत्साह ,संकल्पों के साथ हुई शुरू के दो महीने अच्छे निकले ।
मार्च आते आते कोरोना की जानकारी आने लगी और उसके साथ आई कुछ अफवाह , कुछ जानकारी ।
यही से शुरुआत हुई अहमियत इस साल की मार्च के तीसरे सप्ताह में अचानक जनता कर्फ्यू लगा लोगो को लगा एक दिन की है बात तो ठीक है ।
अचानक प्रधानमंत्री जी के कहने पर पहला लॉक डाउन लगा इसको सहर्ष मान लिया लेकिन समय अवधि बढ़ती गई घर मे रहना बहुत कठिन होने लगा । आदमी घर में रहने लगे घर का काम बढ़ गया । किसी की जिंदगी सिर्फ रसोई ,कमरे तक सीमित हो गई । दम घुटने जैसी हालात हो गई । कुछ ने समझा कि घर की चारदीवारी में कैसे रहा जाता है यह समझे
कुछ का काम घर से चलने लगा । कुछ ने नया सीखने की ललक रखी। कुछ खुद को अपडेट करने पर ध्यान देने लगे ।
यानी इस ठहरे समय को लोगो ने अपनी समझ से काम लिया ।
मेरी जानकारी से बहुतों ने सिर्फ आराम किया ।
बहुत लोगो ने परिवार की अहमियत समझी ।
बच्चों ,युवाओं ने नेट ज़ूम से लगातार नया सीखने की ललक बनाये रखी ताकि कुछ दिन ठहर दुगुने उत्साह से काम कर सकेंगे वो ।
लॉक डाउन खत्म होने पर कम तनख्वाह पर काम कर रहे बहुत लोग ,कुछ की नोकरी नही रही ।
इस समय मे लोगो ने अन्न की अहमियत सीखी उसकी कदर करने लगे ।
पैसे की अहमियत क्या होती है ?
क्यो बचत जरूरी है ?
” आपस मे मिल कर रहना क्यो है जरूरी ?
मानसिक संतुलन कैसे सही रहे मुसीबत में ?
यह सब तो सीखाया इस समय ने
हमको यह समझना होगा भविष्य के लिए कि यह साल खराब रहा बहुत लोगो के लिए जिन्होंने अपने अपनो को खोया लेकिन यह हमको बहुत कुछ ज्ञान ,सीख दे कर जा रहा है ।
धन्यवाद2020
स्वागत 2021💐💐💐🙏🙏🙏

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।