अर्जुन प्रसाद रजक
नवीन वर्ष २०१८ की अनमोल कथारम्भ ! सभी जगह जश्न ! कई मित्रों के जन्मदिवस भी आज, उनके celebrations बिल्कुल ही अलग मोड में आनंदातिरेक से लबालब !
पहली जनवरी को बोसॉन कण के अन्वेषक, अल्बर्ट आइंस्टीन के साझीदार और क्वांटम भौतिकी के महान वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस का जन्मदिवस भी है, माननीय प्रधानमंत्री महोदय कोलकाता में इसी समारोहार्थ हैं।
नववर्षाभिनंदन को लेकर अपने अभिन्न सहकर्मी श्री प्रदीप कुमार रजक जी से दूरभाषीय – शुभकामना के क्रम में यह जाना कि उनके लिए यह तिथि शुभ नहीं हो सका ! तारीख ३१ दिसम्बर ‘१७ की रात को उनके श्वसुर श्री अर्जुन प्रसाद रजक जी हृदयाघात से चल बसे, वे अवकाशप्राप्त प्रधानाध्यापक थे और कटिहार जिले के जिस भी विद्यालय में शिक्षकीय सेवा दिए, उसे ‘आदर्श’ बनाये।
आदर्श मध्य विद्यालय, अमदाबाद और हसनगंज में लंबी सेवाएं दी । उनकी उपलब्धियों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने उन्हें ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से नवाज़ा, जिसे यह सम्मान तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब के हाथों मिला था ।
श्री अर्जुन सर ने प्रदूषण खात्मा पर अच्छा – खासा कार्य किये । उनकी मंझली पुत्री की शादी के शुभ अवसर पर बाराती के रूप में मैं भी था और पहले से ही उनके तरफ से हिदायत थी, बारात में न बैंड-बाज़ा हो, न ही पटाखे चलाये जाय ! क्या मज़ाल कोई ऐसा करें ? हुआ भी उनके मुताबिक । उनकी सेवावधि के आदर्श मध्य विद्यालय को देखे जा सकते हैं, वहाँ की हरियाली, जो उनके हस्तकर्मों का नतीजा है।
परमशक्ति उनकी आत्मा को शांतिरक्षित करेंगे और निश्चित ही पराशक्ति उनके परिवार को इस रिक्तता पर अतुल्य साहस प्रदान करेंगे!