कविता

सर्वशक्तिमान

सर्वशक्तिमान

सीमाएं अदालत की
बड़ी अच्छी तरह से
पहचानती हैं,
उसके ‘लूपहोल’ में
अपने फायदे-नुकसान
का गणित
बड़ी अच्छी तरह से
बिठा डालती हैं
अड़ंगा बने जो
कोई कानून
तो रातों-रात उसे वो
बदल डालती हैं,
पक्ष में जो हो
उसके निर्णय
केवल तभी वो उन्हें
मानती हैं,
वरना ‘बाईपास’
करने के लिए उनको
विधान नया
रच डालती हैं,
सरकारों के पास
होती है ‘सुपरपावर’
अदालतों को कहां वो
जानती हैं।

जितेन्द्र ‘कबीर’

जितेन्द्र 'कबीर'

साहित्यिक नाम - जितेन्द्र ' कबीर ' संप्रति - अध्यापक पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश 176314 संपर्क सूत्र - 7018558314