कविता

चिंतामुक्त

पुरुष तो
वीर्य डालकर
चिंतामुक्त हो जाते हैं,
किंतु उसके बाद का
कष्ट
‘महिला’ झेलती है…
सिर्फ शुभकामनाएँ
कह देने से क्या होगा ?
दिल टूटने के बाद तो
कई जिंदगियाँ हैं,
वहीं जुटने के बाद तो
सिर्फ़ एक है !
महिलाओं को
सम्मान का
उत्तम उदाहरण-
‘जब सभी पुरुष
कुँवारे रहेंगे
और उसे स्पर्श तक
नहीं करेंगे !’
बहन, बेटी,
प्रेमिका, पत्नी
या महिला कलीग के
न तो गाइड बनिये,
न ही डाइरेक्टर ही;
अपितु उनकी ‘साथी’
बन जाइये !
सुभाष चंद्रा कहिन।
राजस्थान की
श्रीमती उषा चौमर,
जो पहले
सिर पर मैला ढोती थी,
जिसके विरुद्ध
वे लड़ी।
अंततोगत्वा,
डॉक्टर बिंदेश्वर के
प्रयास से
समाज की
मुख्य धारा से जुड़ी।
2020 का
‘पद्मश्री’ सम्मान से
उषा जी को
अलंकृत की गई।
अंतरराष्ट्रीय
महिला दिवस पर
सभी देवियों को
शत-शत नमन।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.

One thought on “चिंतामुक्त

  • महिलाओं को
    सम्मान का
    उत्तम उदाहरण-
    ‘जब सभी पुरुष
    कुँवारे रहेंगे
    और उसे स्पर्श तक
    नहीं करेंगे !’
    श्री सदानन्द जी महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना एक परंपरा बन चुका है। आपने यथार्थ प्रश्न उठाया है किन्तु उपरोक्त पंक्तियां क्या अर्थ दे रही हैं? शादी करना और स्पर्श करना केवल पुरुषों की ही कामना नहीं होती। महिलाओं को भी अभिलाषा होती है। मलिलाओं को अविवाहित रखने की कल्पना उनके प्रति किस प्रकार का सम्मान है, समझ नहीं आया।

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