कविता

ढलान में जिंदगी

ऐसा रोज हो….
‘मौत’ को डराने का
भारतीय
मनोरंजनात्मक-उपाय !
लगे हाथ
‘कोरोना चालीसा’ पढ़िये !
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जीवन
एक ढलान की तरह है !
ऊपर तो धीरे-धीरे चढ़े थे,
लेकिन नीचे
बहुत तेजी से उतर आएंगे !
मोपासां कहिन ।
××××
भारत के
उप-प्रधानमंत्री रहे
‘जगजीवन राम’
के जन्मदिवस पर
‘कोरोना’ दुःख के साथ
सादर नमन और श्रद्धांजलि !
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मूर्खों !
पटाखे नहीं छोड़ने हैं !
गाँवों में पटाखों से
बिना मतलब
प्रदूषण फैल रहे हैं !
××××
मेरा परिवार
‘महामारी’ की
भयावहता को समझता है..
मैंने दो मिनट में
एक मामा और दो मौसी को
हैजा से खोये हैं,
तीन लाशें एकसाथ !
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बुखार से ज्यादा
एक खराब विचार
शरीर को
नुकसान पहुँचाता है !
मोपासां कहिन।
××××
हिमालय-से अडिग
मेरी छियानबै वर्षीया
दादीजी
आपके स्वस्थजीवन की
कामना लिए
आदरणीया ‘पितामही’ को
सादर प्रणाम !
××××
आखिर हम
‘भाग्य’ भरोसे हो गए
और कहने लगे
कि उम्मीद पर
दुनिया टिकी है !
वैज्ञानिक बनने चले थे,
आईएससी भी
पास नहीं कर पाए !
××××

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.