लघुकथा

लघुकथा – मिसाल

ख्यातिप्राप्त पत्रकार अमर की जान दिन-रात एक करके डॉक्टरों एवं नर्सों की टीम ने बचाई। पूरी निष्ठा से तीमारदारी में लगी एक नर्स कुछ जानी पहचानी सी लगी, पर नाहक पूछना ठीक न लगा। पर डिस्चार्ज के दिन पूछ ही लिया।

थोड़ा सकुचाई, पर कहा, “जी सर! कुछ साल पहले आपने कहानी की तलाश में मेरा इंटरव्यू लिया था। आपके सद्आचरण ने ऐसा असर छोड़ा कि मैंने इज्जत और शराफत से जीने की ठानी।”

“अरे हाँ! मैंने उस दिन रेस्टोरेंट में मिलने बुलाया था तुम्हें। कोई पहचान वाला न मिल जाए, सोच बहुत डरी हुई थी तुम।”

“जी! मुझे आपके सम्मान की चिंता थी।”

“अरे नहीं! हमारा काम ही है समाज के किसी भी इंसान से मिलना-जुलना और उनके बारे में मालूमात हासिल करना। अखबार चलना चाहिए न?”

“जी सर! ‘मेरी काली दुनिया की कहानी’ आपको सुनाई, पर डर था कि मेरी पहचान सामने आई तो गाँव में रह रहे मेरे माता-पिता आत्महत्या कर लेंगे। मेरा किशोर भाई कभी मेरी शक्ल नहीं देखेगा। बारहवीं तक की शिक्षा में गुजारे लायक नौकरी कहाँ मिलती? मेरी मुश्किल समझ आपने अखबार में कहानी नहीं डाली। मैं भी अपना धंधा और पहचान छुपाने के लिए अपना शहर छोड़कर यहाँ आ गई। नर्स की ट्रेनिंग की और इज्जत की रोटी कमाकर अपने माता-पिता और भाई को खिला रही हूँ।”

“वाह! तुम्हारे हिम्मत और जज्बे को सलाम। अत्यधिक कमजोरी की वजह से मैं तुम्हें पहचान नहीं पाया, पर मैं बहुत खुश हूँ। आज मेरी मुलाकात एक योद्धा से हुई है, जिसने जिस्मफरोशी के दलदल से स्वयं को बाहर निकाला। तुमने एक मिसाल कायम की है। घबराओ मत, मैं किसी को कुछ नहीं बता रहा।”

“सच बताऊँ, सर! आपने भी अपने गंभीर हालात पर अपनी इच्छाशक्ति के बल पर ही विजय पाई है।” अमर के अधरों पर मुस्कान खेल गई।

— नीना सिन्हा

नीना सिन्हा

जन्मतिथि : 29 अप्रैल जन्मस्थान : पटना, बिहार शिक्षा- पटना साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय से जंतु विज्ञान में स्नातकोत्तर। साहित्य संबंधित-पिछले दो वर्षों से देश के समाचार पत्रों एवं प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लघुकथायें अनवरत प्रकाशित, जैसे वीणा, कथाबिंब, सोच-विचार पत्रिका, विश्व गाथा पत्रिका- गुजरात, पुरवाई-यूके , प्रणाम पर्यटन, साहित्यांजलि प्रभा- प्रयागराज, डिप्रेस्ड एक्सप्रेस-मथुरा, सुरभि सलोनी- मुंबई, अरण्य वाणी-पलामू,झारखंड, ,आलोक पर्व, सच की दस्तक, प्रखर गूँज साहित्य नामा, संगिनी- गुजरात, समयानुकूल-उत्तर प्रदेश, शबरी - तमिलनाडु, भाग्य दर्पण- लखीमपुर खीरी, मुस्कान पत्रिका- मुंबई, पंखुरी- उत्तराखंड, नव साहित्य त्रिवेणी- कोलकाता, हिंदी अब्राड, हम हिंदुस्तानी-यूएसए, मधुरिमा, रूपायन, साहित्यिक पुनर्नवा भोपाल, पंजाब केसरी, राजस्थान पत्रिका, डेली हिंदी मिलाप-हैदराबाद, हरिभूमि-रोहतक, दैनिक भास्कर-सतना, दैनिक जनवाणी- मेरठ, साहित्य सांदीपनि- उज्जैन ,इत्यादि। वर्तमान पता: श्री अशोक कुमार, ई-3/101, अक्षरा स्विस कोर्ट 105-106, नबलिया पारा रोड बारिशा, कोलकाता - 700008 पश्चिम बंगाल ई-मेल : maurya.swadeshi@gmail.com व्हाट्सएप नंबर : 6290273367