कविता

सेवादार बनिए

आइए आज हम सब
अपनी संस्कृति और परंपरा का
एक नया अध्याय लिखें,
सेवाधर्म का नया आयाम गढ़ें
पुरातन व्यवस्था को
ध्यान में रखकर ही सही
सेवाधर्म का नया पाठ पढ़ें ।
कोरोना महामारी की
जब हर ओर दहशत है,
सेवाभाव से आओ मिलकर
इसका प्रतिकार करें।
दो गज दूरी का संदेश फैलाएं
मास्क, सेनेटाइजर कितना जरूरी है
ये सबको बताएं,समझाएं,।
रोजी रोजगार की समस्या
बहुत कठिन है लेकिन,
कोई भूखा न रहे आसपास हमारे
हम सब की जिम्मेदारी है कि
उसके खाने का प्रबंध कराएं।
सबका टीकाकरण हो
ये सुनिश्चित कराएं,
कोरोना पीड़ितों का मनोबल बढ़ायें।
अफवाह, भ्रम, दहशत न फैलने पाये
जनमानस को इससे हम सब बचाएं।
कोरोना रोग है महामारी है,
हौसला रखें,डरें नहीं ,इलाज कराएं
ठीक हो जायेंगे विश्वास दिलाएं,
ये दौर भी गुजर जायेगा
सबके मन में ये भाव जगायें।
अपने अपने स्तर से
सब अपनी जिम्मेदारी निभाएं,
जो जितना कर सकता है
उतना जरूर करे ये भाव जगाएं,
सेवाधर्म के लिए सेवादार बनिए
सेवाभाव का नया अनुबंध लिखिए।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921