लघुकथा

किस मुँह से

अंजू पति से तंग आकर रिपोर्ट लिखाने थाना पहुँची । थाना में इस्पेक्टर साहब को देखकर पैरों तले जमीन खिसक गई ।  समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूँ । अतीत के पन्ने उलटने लगे वही विनय है जिसके साथ लगभग चार सालों तक का अंजू के साथ अफेयर रहा । विनय था गरीब लेकिन काबिल भी था । अंजू के खुशी के लिए हर काम किया जो आजकल के लड़के अपने प्रेमिका के लिए करते हैं मगर धीरे-धीरे अंजू को लगा कि विनय कभी कुछ नहीं पायेगा ऊपर से गरीब दो वक्त की रोटी के लिए हमेशा ठोकर खाते फिरेगा । इससे शादी करने से अच्छा किसी और से शादी कर लूँ । विनय को ठुकरा कर वह राजेश से शादी कर ली मगर शादी के तीन साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ तो राजेश मारपीट करने लगा । वह तंग आकर थाना पहुँची थी मगर विनय को देखकर ठिठक गई । खड़ी-खड़ी वह सोचने लगी किस मुँह से विनय  के सामने अपना दुखड़ा सुनाएँ ?
— भानुप्रताप कुंजाम ‘अंशु’